लेखनी प्रतियोगिता -12-Feb-2022
*आलिंगन*
मुझे ले चल दुनिया के मझधार से,
प्रिय करके आलिंगन ले चल सपनों के पार से।
हर दर्द को मिल जाता है सुकून तेरे आलिंगन से,
मिलना फिर बिछडना का आधार बन जाता आलिंगन से।
कितने अनोखे सफ़र का विचार इस आलिंगन से,
मतलबपरस्त लोगों में ज़िन्दगी मिल जाता आलिंगन से।
ख़ामोशी भी आवाज़ बन जाती उस आलिंगन से,
हर राहों का मंज़र दिख जाता हमदर्द आलिंगन से।
ख़ुद को समझने का मौका दे जाता इस आलिंगन से,
परवान चढ़ जाता एहसास भी इस आलिंगन से।
प्रिय ख़ुशी बनकर उम्मीद ठहर जाता तेरे आलिंगन से,
काँटों भरे सफ़र को भी खुशनुमा बना देता तेरे आलिंगन से।
Shrishti pandey
14-Feb-2022 09:09 AM
Bahut badhiya
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Abhinav ji
13-Feb-2022 02:13 PM
Very nice
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Punam verma
13-Feb-2022 09:06 AM
Very nice
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